NCERT Solution Class 9th Science Chapter – 9 गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)
Textbook | NCERT |
Class | 9th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | 9th |
Chapter Name | गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) |
Category | Class 9th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
आप इस आर्टिकल के माध्यम से गुरुत्वाकर्षण के प्रश्न उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। हमने आपके लिए आसान भाषा में कक्षा 9 विज्ञान पाठ 9 के प्रश्न उत्तर तैयार किए हैं। आपके लिए सीबीएसई सिलेबस को ध्यान रखकर हिंदी में विज्ञान कक्षा 9 पाठ 9 के एनसीईआरटी समाधान बनाए गए हैं। आप इस समाधान से कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 9 के नोट्स भी तैयार कर सकते हैं। विज्ञान कक्षा 9 पाठ 9 के प्रश्न उत्तर (class 9 science chapter 9 question answer in hindi) पूरी तरह से मुफ्त है।
NCERT Solution Class 9th Science Chapter – 9 गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)
Chapter – 9
गुरुत्वाकर्षण
प्रश्न – उत्तर
पाठ के बीच में पूछे जाने वाले प्रश्न :- (पेज नं. 115) Class 9th Science Chapter – 9
प्रश्न 1 – गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए।
उत्तर :- विश्व का प्रत्येक पिंड प्रत्येक अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करता है, जो दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल दोनों पिंडों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है। उदाहरण के लिए M तथा m द्रव्यमान के दो पिंड A तथा B एक दूसरे
से d दूरी पर स्थित हैं और इनके बीच लगने वाला आकर्षण बल F है। गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, दोनों पिंडों के बीच लगने वाला बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती है। जैसे:-
F = M × m. ——- (i)
तथा दोनों पिंडों के बीच लगने वाला बल उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती है, अर्थात
F = 1/d2 ———– (ii)
दोनों समीकरणों से, हमें प्राप्त होगा
F = M × m / d2
या
F = G M × m/ d2
जहाँ G एक आनुपातिकता स्थिरांक है और इसे सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक कहते हैं।
प्रश्न 2 – पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर:- गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र F = G M × m/ d2 , जहाँ G सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक है।
पाठ के बीच में आए प्रश्न (पेज न. 117) Class 9th Science Chapter – 9
प्रश्न 1 – मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। पृथ्वी के आकर्षण बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं। जब वस्तुएं पृथ्वी की ओर केवल इसी बल के कारण गिरती है, वस्तुएं मुक्त पतन कहलाती है।
प्रश्न 2 – गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- जब भी कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है तो यह त्वरण का अनुभव करती है। यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्व बल के कारण होता है। इसलिए इस त्वरण को पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण या गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं।
पाठ के बीच में पूछे जाने वाले प्रश्न :- (पेज नं. 119) Class 9th Science Chapter – 9
प्रश्न 1 – किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है?
उत्तर :- किसी भी वस्तु का द्रव्यमान उसमें उत्पन्न मात्रा पर निर्भर करता है जबकि किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे यह पृथ्वी की ओर आकर्षित होती है। वस्तु का द्रव्यमान स्थिर रहता है, एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं बदलता, लेकिन वस्तु का भार पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण बदल सकता है।
प्रश्न 2 – किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा क्यों होता है?
उत्तर :- पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे पृथ्वी उस वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसी तरह चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे चंद्रमा उस वस्तु को आकर्षित करता है। चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी की अपेक्षा कम है। इस कारण चंद्रमा वस्तुओं पर कम आकर्षण बल लगाता है। पृथ्वी की अपेक्षा चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण बल 1/6 गुणा होता है। इसी प्रकार किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा होता है।
पाठ के बीच में पूछे जाने वाले प्रश्न :- (पेज नं. 122) Class 9th Science Chapter – 9
प्रश्न 1 – एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?
उत्तर :- पतले तथा एक मोटी वस्तु से बनी कोई भी वस्तु जिसका क्षेत्रफल समान नहीं होता अर्थात पतली वस्तु के मुकाबले मोटी वस्तु का क्षेत्रफल ज्यादा होता है। इसलिए एक पतली डोरी का क्षेत्रफल कम होने के कारण उसे उठाना मुश्किल होता है।
प्रश्न 2 – उत्पलावकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- वास्तव में किसी वस्तु को तरल में डुबोने पर सभी वस्तुओं पर एक उत्पलावन बल लगता है। उत्पलावन बल का परिणाम तरल के घनत्व पर निर्भर है। उदाहरण के लिए बोतल पर पानी द्वारा ऊपर की ओर लगने वाला बल उत्प्लावन बल कहलाता है।
प्रश्न 3 – पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तेरती या डूबती है?
उत्तर :- किसी भी वस्तु के द्रव के घनत्व से कम घनत्व की वस्तुएँ द्रव पर तैरती है। जबकि द्रव के घनत्व से अधिक घनत्व की वस्तुएँ द्रव में डूब जाती है।
पाठ के बीच में पूछे जाने वाले प्रश्न :- (पेज नं. 124) Class 9th Science Chapter – 9
प्रश्न 1 – एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42kg से अधिक है या कम?
उत्तर :- जब हम किसी तुला पर अपना द्रव्यमान देखते है तो उस तुला पर द्रव्यमान हमारे द्रव्यमान भार से हमेशा कम दिखाता है। जैसे पानी किसी वस्तु पर डूबने से ऊपर की ओर बल लगाता है वैसे ही द्रव्यमान मापते समय हमारे चारों ओर की वायुदाब हम पर ऊपर की ओर बल लगाता है जिससे हमारे शरीर का कभी भी सही भार नहीं आता। इसलिए तुला पर दिखाया गया भार हमेशा अधिक होगा।
प्रश्न 2 – आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100kg द्रव्यमान दर्शाते है। वास्तविकता में एक दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन- भारी है और क्यों?
उत्तर :- 100kg द्रव्यमान वाले एक रुई का बोरे और एक लोहे की छड़ इन दोनों में एक सामान भार होगा। रुई में भार कम होने की वजह से वह ज़्यादा मात्रा में चढ़ानी पड़ेगी और लोहे में अधिक भार होने की वजह से कम चढ़ेगा परन्तु रुई के ज़्यादा और लोहे के कम चढ़ने की वजह से भार में कोई फर्क नहीं पड़ता, इसलिए दोनों का भार एक जैसा होगा। इसी कारण हम यह बता सकते है कि दोनों के भार में समानता होगी।
अभ्यास प्रश्न-उत्तर Class 9th Science Chapter – 9
प्रश्न 1 – यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?
उत्तर :- दो वस्तुओं के बीच लगने वाला बल उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है
जैसे:-
F = 1/d2
यदि 2 वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए
F= ½ जो कि आधा करने पर होगा
इसलिए F= 1/(1/2)2
F= 4/1 = 4 इस प्रकार इनका गुरुत्वाकर्षण बल चार गुणा बदलेगा।
प्रश्न 2 – सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हलकी वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती?
उत्तर :- जैसा कि हम जानते हैं मुक्त पतन में वस्तु त्वरण का अनुभव करती है। वस्तु द्वारा अनुभव किया जाने वाला यह त्वरण उसके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता। इसका अर्थ यह है कि सभी वस्तुएं चाहे खोखली हो या ठोस, बड़ी, छोटी एक ही दर से नीचे गिरती है। ऐसा इसलिए होता है कि पृथ्वी के निकट गुरुत्वाकर्षण का मान स्थिर है। एक कहानी के अनुसार इस विचार की पुष्टि के लिए गैलीलियों ने इटली में पीसा की झुकी हुई मीनार से विभिन्न वस्तुओं को गिराया और साबित किया वस्तु चाहे भारी हो या हल्की एक साथ गिरेगी।
प्रश्न 3 – पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 X 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 X 106m है)।
उत्तर :- G= 6.7×10-11Nm2kg-2 (जैसा कि हम जानते है)
पृथ्वी का द्रव्यमान (M) = 6 ×1024kg
पृथ्वी की त्रिज्या (R) = 6.4 × 106m
पृथ्वी पर गुरुत्वीय बल का परिणाम =
g = G × M/R2
= 6.7 × 10-11× 6×1024 × 1/6.4×106 = 6.67 × 6× 10/ 6.4 × 106
= 9.8ms-2 (जैसा कि समीकरण 9.2.1 में दर्शाया गया है)
प्रश्न 4 – पृथ्वी तथा चंद्रमा एक दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?
उत्तर :- पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे को अपनी ओर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण आकर्षित करते हैं। यह इसलिए है क्योंकि विश्व का प्रत्येक पिंड अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करता है। गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम जो दोनों पिंडो का द्रव्यमान के गुणनफल के सामान तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के विपरीत होता है। यह बल दोनों पिंडों को मिलाने वाली रेखा के दिशा में लगता है।
प्रश्न 5 – यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है तो पृथ्वी की ओर गति क्यों नहीं करती?
उत्तर :- विश्व में ये दोनों पिंड एक दूसरे को गुरुत्वाकर्षण बल के कारण आकर्षित करते हैं। इन पिंडो में से चंद्रमा और पृथ्वी भी एक पिंड है। ये दोनों पिंड एक दूसरे को समान दिशा के बल में आकर्षित करते रहते हैं। परन्तु पृथ्वी का द्रव्यमान अधिक होने के कारण चन्द्रमा अपनी ओर गति नहीं करा पाता।
प्रश्न 6 – दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए?
उत्तर :- जैसा कि हम जानते है F = G×M×m/d2
वस्तु का द्रव्यमान (M)= दोगुना (2m)
F= G ×2M×m/d2 = 2(G×M×m/d2)=2F
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?
उत्तर :- हमारे द्वारा पिछले किए गए उत्तर से हमें ज्ञात है कि दो वस्तुओं के बीच लगने वाला बल उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है
जैसे:-
F = 1/d2
D के मान को दोगुना करने पर :- F = 1/(2)2= 1/4
D के मान को चार गुणा करने पर :- F= 1/(3)2= 1/9
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ?
उत्तर :-
m = 2m तथा M = 2M
मान रखने पर F= G ×M×m/d2
F = G × 2M x 2m/d2
F = 4(G × M×m/d2) = 4F
प्रश्न 7 – गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व हैं?
उत्तर :- गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम अनेक ऐसी परिघटनाओं की सफलतापूर्वक व्याख्या करता है जो असंबद्ध मानी जाती थी, जैसे:- हमें पृथ्वी से बांधे रखने वाला बल, पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की गति, सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति तथा चंद्रमा और सूर्य के कारण ज्वार-भाटा।
प्रश्न 8 – मुक्त पतन का त्वरण क्या है?
उत्तर :- हम जानते हैं कि पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। पृथ्वी के इस आकर्षण बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं। अर्थात जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर केवल गुरुत्वीय बल के कारण गिरती है तब वस्तुएँ मुक्त पतन कहलाती है।
प्रश्न 9 – पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
उत्तर :- पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच का गुरुत्ववीय बल को त्वरण या गुरुत्वीय त्वरण कहलाता है। जिसे g से निर्दिष्ट करते हैं। g के मात्रक वही है जो त्वरण के है अर्थात ms-2 ।
प्रश्न 10 – एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? (संकेत: ध्रुव पर q का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
उत्तर :- उस व्यक्ति का दोस्त खरीदे गए सोने के भार से संतुष्ट नही होगा क्योंकि जैसा कि हम जानते हैं, किसी भी वस्तु का भार g पर निर्भर करता है। बताया गया है खरीदे गए सोने का मान ध्रुव पर विषुवत वृत की अपेक्षा अधिक है। जैसे ही सोना विषुवत वृत पर जायेगा उसका भार कम हो जाएगा।
प्रश्न 11 – एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
उत्तर :- ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक कागज़ की शीट और मरोड़ कर बनाई गई शीट में कागज़ की शीट का क्षेत्रफल अधिक होगा जिसकी वजह से वह धीमे गिरेगी जबकि मरोड़ कर बनाई गई शीट का क्षेत्रफल कम होगा और वह तेज़ी से गिरेगी। ऐसा वायु जे प्रतिरोध के कारण होता है। कागज की शीट पर वायु का प्रतिरोध अधिक लगा तथा मरोड़ कर बनाई गई शीट पर कम।
प्रश्न 12 – चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुणा हैं। एक 10 kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
उत्तर :- चंद्रमा पर वस्तु का भार = 1/6 × पृथ्वी पर इसका भार
वस्तु का द्रव्यमान (m) – 10 kg
जैसा कि हम जानते है गुरुत्वीय त्वरण (g) – 9.8m/s2
पृथ्वी पर वस्तु का भार = 10×9.8 = 9.8
चन्द्रमा पर वस्तु का भार =1/6× 9.8 = 1/6 × 98/10 = 1/3×48/10= 16.33
प्रश्न 13 – एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए।
(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है।
उत्तर :- गेंद का वेग (u) = 49m/s
अंतिम वेग जहा गेंद रुकी (v) = 0m/s
ऊंचाई (h) =?
त्वरण (a) = -9.8m/s-2
परिकलन :-
V2 = u2 +2ah
02 = 492 + 2 × (-9.8)h
0 = 492 – 19.6h
19.6 h = 492
h = 49 × 49 / 19.6 = 122.5m
(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
उत्तर :- लिया गया समय (t) = ?
परिकलन :-
V = u +at
0 = 49 + (-9.8) t
9.8 t = 49
t = 49/9.8 = 5s
कुल समय = 5+5 = 10s ( किसी भी वस्तु को ऊपर नीचे आने में बराबर समय लगेगा)
प्रश्न 14 – 19.6m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
उत्तर :- पत्थर का वेग (u) = 0m/s
ऊंचाई (h) = 19.6m
त्वरण (a) = -9.8m/s-2
अंतिम वेग (v) = ?
V2 = u2 + 2ah
V2 = 0 + 2 (-9.8) × 19.6
V2 = -19.6 × 19.6
V = 19.6 ( वर्ग करने पर)
प्रश्न 15 – कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g = 10m/s2 लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
उत्तर :- पत्थर का वेग (u) = 40m/s
अंतिम वेग (v) = 0m/s
. त्वरण (a) = 10m/s2
h = ?
V2 = u2 + 2ah
(0)2 = (40)2 +2(-10)h
20h = 1600
h = 1600/2 = 80m
नेट विस्थापन = 0 क्योंकि पत्थर अपने आरम्भिक स्थान की ओर वापिस आ गया।
कुल दूरी या ऊपर नीचे आने जाने का समय बराबर होगा इसलिए = 80 + 80 = 160m
प्रश्न 16 – पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 X1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान 2 X 10k30g । दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 X 10 m है।
उत्तर :- पृथ्वी का द्रव्यमान (m) = 6×1024 kg
सूर्य का द्रव्यमान (M) = 2 × 1030 kg
औसत दूरी (R) = 1.5 x 10m
परिकलन बल =
F = 6.67 x 10-11 × 2 × 1030 × 6 × 1024/ 1.5 × 10m = 3.56× 1022 N
प्रश्न 17 – ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6 पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई:
उत्तर :- कुल समय में लौटी गेंद:- 6s
आरम्भिक वेग (u) = ?
G = -9.8
समय (t)= 6s
ऊपर जाने और आने में लगा समय = 6/2= 3s
V = u+ gt
0 = u + (-9.8)× 3
U = 29.4m/s
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई
उत्तर:-
S = ut +1/2 gt2
29.4 × 3 – ½ × 9.8 × 32
88.2 – 44.1 = 44.1 m
© 4s पश्चात् गेंद की स्थिति।
उत्तर :-
S = ut + ½ gt2
29.4 ×4 -1/2 × 9.8 × 42
117.6 – 78.4 = 39.2
प्रश्न 18 – किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर :- ऊपर की दिशा में।
प्रश्न 19 – पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?
उत्तर :- ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पानी के भीतर गुटके को छोड़ने पर उसमें लगा उत्प्लावक बल उसके भार को अधिक कर देगा और वह पानी की सतह पर ऊपर आ जाता है।
प्रश्न 20 – 50g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm है। यदि पानी का घनत्व 1gcm-3 हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?
उत्तर :- पदार्थ का द्रव्यमान:- 50g
पदार्थ का आयतन:- 20cm3
पदार्थ का घनत्व = पदार्थ का द्रव्यमान = 50g/ 20cm3 = 2.5g cm-3
पदार्थ का सापेक्षिक घनत्व= पदार्थ का घनत्व/ पानी का घनत्व= 2.5g cm-3/1gcm-3 = 2.5
सापेक्षिक घनत्व 1 से अधिक होने के कारण यह पदार्थ पानी में डूब जाएगा।
प्रश्न 21 – 500g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350cm है। पैकेट 1 gcm घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
उतर :- पैकेट का द्रव्यमान:- 500g
मोहरबंद पैकेट का आयतन :- 350cm3
पैकेट का घनत्व :- पैकेट का द्रव्यमान/ पैकेट का आयतन= 500g/350cm3= 1.43gcm-3
पैकेट का सापेक्षिक घनत्व :- पैकेट का घनत्व/ पानी का घनत्व= 1.43gcm-3/1gcm-3= 1.43
पैकेट का सापेक्षिक घनत्व 1 से अधिक होने के कारण यह पानी में डूब जााएगा।
विस्थापित पानी का आयतन:- 350cm3
विस्थापित पानी का द्रव्यमान:- 350×1= 350g
इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान= 350g होगा।
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